२७ फ़रवरी २०१२ को तीन बजे दिल्ली के प्रगति मैदान में विश्व पुस्तक मेले में ज्योतिपर्व प्रकाशन से प्रकाशित जयदीप शेखर की किताब "नाज़ ए हिंद सुभाष" का विमोचन हिंदी के प्रतिष्ठित कथाकार श्री संजीव जी के हाथों संपन्न हुआ.
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हंस के कार्यकारी संपादक श्री संजीव, डॉ. अग्रवाल,डॉ.शेरजंग गर्ग और मदन कश्यप (साथ में सलिल वर्मा जी) जयदीप शेखर जी की पुस्तक "नाज़ ए हिंद सुभाष"का विमोचन करते हुए |
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अडवाणी जी पुस्तक स्वीकार करते हुए |
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नाज़ ए हिंद पुस्तक के बारे में अडवाणी जी जानकारी लेते हुए |
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पुस्तक के आकर्षक आवरण को देखते हुए अडवाणी जी |
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अडवाणी जी ने पुस्तक को पढ़कर प्रतिक्रिया देने का आश्वासन दिया |
ठीक एक घंटे बाद यह पुस्तक श्री लाल कृष्ण अडवाणी जी तक पहुच गई. जितनी ईमानदारी से यह पुस्तक लिखी गई है, नेताजी सुभाष जी पर एक नयी बहस शुरू होगी. अडवाणी जी स्वयं इस पुस्तक के कुछ पन्ने पढ़े. बाकी उन्होंने आश्वासन दिया है कि इस पुस्तक पर वे अपनी प्रतिक्रिया जरुर भिजवाएंगे.
जयदीप शेखर जी को बधाई.
बधाई
जवाब देंहटाएंअरुण जी आप आडवाणी जी से रू-ब-रू हैं।
क्या बात है!
शुभकामनाएं प्रकाशन के लिए और सफल पुस्तक विमोचन के लिए।
१ या दो मार्च को दिल्ली आऊंगा तो मेले में स्टॉल पर भेंट होगी।
जवाब देंहटाएंjyoti parv prakashan aur jaydeep shekhar ji dono ko badhaiyan
जवाब देंहटाएंलेखक,प्रकाशक और पाठक भी बधाई के पात्र हैं।
जवाब देंहटाएंbahut badhai aur shubhkamnayen ...
जवाब देंहटाएंbadhai...
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंबधाई भाई अरुण जी इस किताब के बारे में चर्चा करने के लिए |
जवाब देंहटाएंबधाई आप व शेखर जी दोनों को ,
जवाब देंहटाएंजज्ज्बातों की लौ सतत कायम रहेगी अब विस्वास हो चला है .......
जयदीप शेखर जैसे व्यक्ति के लिए उनके वर्षों के अथक प्रयास, लगन और शोध का सम्मान है यह...!!
जवाब देंहटाएंbahut bahut badhai.....lekhak va prakashak ko...
जवाब देंहटाएंkoi vyakti kaise aage badhta hai aur multifarious hota hai, aapse seekhe..!!
जवाब देंहटाएंsach kahun jab tak aapse nahi mila tha to aapko koi khussat sa kavi jaisa hi man me tha, fir ham mile aur pata chala ki aap to mere hamumra ho.. par shuru se aapkee kavita ka namurid raha..(aapne kuchh tips bhi diya) fir aapne prakashan jagat me apna haath failya aur pahle baar hi saare achchhe pustako ke saath agaaj kiya.. bejor laga.. fir Shri Adwani jee ne aakar aapke karm ko sarthak bana diya...!! aap bahut aage jayen... god bless!
विश्व पुस्तक मेला २०१२ में ज्योतिपर्व प्रकाशन ने अपना पहला कदम रखा और सुर्ख़ियों में आ गया. एतिहासिक विषयवस्तु पर अपने लोकप्रिय नेताजी के बारे में अनछुए तथ्यों को ऊजागर करने का साहस दिखाया है वह भी प्रशंसनीय है . पहले प्रयास में ही श्री आडवाणी का ध्यान आकृष्ट करने की क्षमता ज्योतिपर्व प्रकाशन की अपार सफलता , गुणवत्ता, प्रबुद्ध पाठकों तक सहज पहुँच का परिचय दे रही है. जयदीप जी और ज्योतिपर्व प्रकाशन को इस उपलब्धि के लिए बहुत शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंमुबारक हो आपको और आपके प्रकाशन को
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई अरुण जी आपको और ज्योतिपर्व प्रकाशन को ...
जवाब देंहटाएंजीडीप जी को भी बधाई ... भारत आने पे अपनी प्रति ले लूँगा आपसे ...
बहुत बहुत बधाई ……………
जवाब देंहटाएंअरुण जी आपको और जयदीप जी दोनो को बधाई……………और शुभकामनायें आपका प्रकाशन सफ़लता के नये कीर्तिमान गढे।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाईयाँ..
जवाब देंहटाएंजितनी शिद्दत और इमानदारी से जयदीप शेखर जी ने इस पुस्तक को लिखा है उतनी ही शिद्दत और इमानदारी से इस पुस्तक के प्रकाशक अरुण राय जी ने इस पुस्तक को उन हाथो तक पहुंचा दिया जहाँ तक पहुंचना इतना आसान न था !
जवाब देंहटाएंइस पुस्तक से जुड़े हुए सभी लोगो को मेरी हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
जय हिंद !
बहुत-बहुत बधाइयाँ...इस उपलब्धि के लिए...
जवाब देंहटाएंअरूण जी,
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें. आपकी लगन वाकई काबिले-तारीफ है.
हार्दिक बधाइयाँ
जवाब देंहटाएंबहुत मिस किया हमने पर
जवाब देंहटाएं२७ फरवरी को मेरा इंटर विव होने के कारण हम पुस्तक मेले नहीं पहुच पाए .......इसीलिए माफ़ी चाहता हूँ अरुण जी
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बहुत बहुत शुभकामनायें ।
जवाब देंहटाएंएक बधाई इस शोषित लेखक की भी स्वीकार लीजिए प्रकाशक बंधु। अब तो आप एक बृहद व्यक्तित्व एवं पहुंच के स्वामी बन गए हैं।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई अरुण जी ......:))
जवाब देंहटाएंपर ये अविनाश जी ने ऐसा क्यों लिखा .....?
वाह! बहुत सुन्दर.
जवाब देंहटाएंसफलता के लिए बधाई और शुभकामनाएँ.
waah bahut achcha badhai meri taraf se bhi.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर...हार्दिक बधाई और शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंAkalpania,badhai svekarei from aalok pandit nehtour (bijnor)
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