वह चंद्रपुरा में चढ़ता था
बोरियों में भरकर कोयला
उतर जाता था गया स्टेशन आने से पहले
वापसी में वह गया पैसेंजर से लौट आता था
पकड़ा जाता था अक्सर
खाता था लाठी , जाता था जेल
था वह मैट्रिक फेल
उसके गाँव में बना था खादान
उसकी जमीन पर बिछी थी रेलवे की पटरियां
और फिर पटरी पर आ गई थी उसकी ज़िंदगी
झारखण्ड एक्सप्रेस
कहते हैं कोयला चोरो की गाडी बन गई है
जो है उसकी लाइफलाइन !
बहुत सुन्दर। रेल नहीं लगता है आदमी दौड़ रहा है पहिया लगा हुआ किसी पटरी पर।
जवाब देंहटाएंachhi post sir
जवाब देंहटाएंself publishing India