बेटी मरती कोख में
बैठा बेटा बेरोज़गार
कैसे मनाये आप कहें
आजादी का त्यौहार
हाथ में जिनके हुनर
थामे वे तलवार
उन्मादी दुनिया में देखो
मानव का व्यवहार
कैसे मनाये आप कहें
आजादी का त्यौहार
खेत ऊसर हो रहे
खेती घाटे का व्यापार
सूद का फंदा कस रहा
बदल के चेहरा साहूकार
कैसे मनाये आप कहें
आजादी का त्यौहार
साल दशक कई बीते
छंटा न अन्धकार
ऊँचा होता जा रहा
घावो का अम्बार
कैसे मनाये आप कहें
आजादी का त्यौहार
जल जंगल जमीन सब
कर रहे हाहाकार
सोई गहरी नींद में
जनता और सरकार
कैसे मनाये आप कहें
आजादी का त्यौहार
जन जन को बाँटने का
फूल रहा कारोबार
हवा पानी धूप पर
बिठाये अपने पहरेदार
कैसे मनाये आप कहें
आजादी का त्यौहार
सबको रोटी सबको पानी
सेहत अक्षर का अधिकार
बस इतना सा मांगे देश
निरुत्तर क्यों सरकार
कैसे मनाएं आप कहें
आजादी का त्यौहार।
सटीक।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सुशील जी .
हटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (11-08-2017) को "हम तुम्हें हाल-ए-दिल सुनाएँगे" (चर्चा अंक 2693) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत खूब
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