1.
पिता
कभी स्वयं नहीं होते
अपनी प्रार्थनाओं में ।
2.
पिता की प्रार्थनाओं को
प्रायः वे कभी नहीं समझ पाते
जिन्हें मिला होता है
पिता का प्यार भरा हाथ
उनके सिर पर ।
3.
पिता की प्रार्थनाओं का महत्व
कभी उस लड़की से पूछना
जिसके पिता नहीं थे
जब वह जाना चाहती थी स्कूल
जब वह छूना चाहती थी आसमान ।
4.
पिता की प्रार्थनाएँ
अक्सर तब समझ में आती हैं
जब नहीं रहते हैं पिता
सशरीर ।
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