गुरुवार, 16 जनवरी 2025

कुछ पागल लोग

 कुछ लोग वाकई पागल होते हैं 

जिन्हें कुछ भी कह दीजिये आप 

और वे बुरा नहीं मानते । 


वे आपके संग ठठा के हँसते हैं 

आपको हँसाएँ रखते हैं 

जबकि उनके भीतर बह रही होती है 

दुखों की नदी लहराती हुई 

वे दुख और पीड़ाओं की तरंगों को 

किनारों से बाहर नहीं आने देते । 


इन पागल लोगों के कारण ही 

कई बार महफिलों की रौनक बढ़ती है

जब ये किसी भी मौके पर  नाच लेते हैं 

कर देते हैं सबका मनोरंजन 

और लौट आते हैं अपने अंधेरी गुफा में 

सुबकते हुये 


पागल लोग अपने दुखों का 

नहीं करते हैं महिमामंडन 

वे अपनी रीढ़ तान कर रखते हैं 

और खड़े रहते हैं अपनी बात और जबान पर 

वे नहीं ओढ़े रहते हैं मुखौटे 

उनके नहीं होते हैं 

कई कई चेहरे 

इस दुनियादारी से भरे जीवन में । 


ऐसे पागल लोग 

बेहद खूबसूरत होते हैं 

स्थापित सौंदर्य के मानकों के विपरीत ! 

2 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर शुक्रवार 17 जनवरी 2025 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

    !

    जवाब देंहटाएं