सोमवार, 26 मार्च 2018

पतझड़

यह मौसम है
पतझड़ का

पत्ते पीले पड रहे हैं
और कमजोर भी
वे गिर रहे हैं एक एक कर
जैसे घटता है पल पल जीवन

बुजुर्गों की आँखों का सन्नाटा
और गहरा गया है
पतझड़ का पीलापन उनके चेहरे के पीलेपन को
बढ़ा रहा है और भी अधिक

एक दिन गिर जायेंगे सब स्तम्भ
जो गिरेंगे नहीं उनके अवशेष रहेंगे खंडहर के रूप में

लेकिन वृक्ष कहाँ डरता है पतझड़ से
जहाँ से गिरता है पत्ता
वही से पनपता है नया कोंपल

पतझड़ को अच्छा लगता है हारना ! 

गुरुवार, 1 मार्च 2018

रंग पर्व


आसमान में भरे हैं रंग 
धूसर ही सही लेकिन मिटटी का भी एक रंग है 
रंग हरा जब होता है खेतों का , दुनिया में होता है जीवन 
पानी को कहते हैं बेरंग लेकिन वह कर लेता है समाहित सब रंगों को 
हवा का रंग मन के रंगों से खाता है मेल 
और हाँ 
रंग दुःख का भी होता है और सुख का भी  !

रंग जो क्रोधित होते हैं, समंदर , नदियां, पहाड़ सब तोड़ते हैं मर्यादाएं व धैर्य 
ये रंग जब खुश होते हैं, होता  है रंगों का पर्व  !

जीवन के रंग किसी भी दशा में रहें उल्लसित, उत्साहित, आशन्वित 
क्योंकि  होता है आशा, उत्साह और उल्लास का भीएक रंग, लाल।