मंगलवार, 17 नवंबर 2020

विचारों का क्रम

 विचारों का क्रम

कभी नहीं टूटता

जब तक टूटे नहीं

सांसों की डोर।


दुख, सुख

आशा निराशा

उत्साह अवसाद

सब हैं

विचारों की स्थिति।


प्रेम, घृणा

अन्धकार, प्रकाश

स्वतंत्रता परतंत्रता

भी कुछ और नहीं बल्कि है

विचारों की अभिव्यक्ति।


विचार करते हैं

सृजन

विचार करते हैं

विनाश

विचारों ही 

तय करते हैं

मनुष्य का व्यवहार

मनुष्य से, प्रकृति से

सृष्टि से।


एक क्रम होता है

विचारों का 

वैसे ही जैसे 

गर्भ में पलता है शिशु

बीज में रहती है संभावनाएं

फिर वे पुष्पित प्लवित होते हैं

विचारों के वातावरण में। 


मृत्यु होता है अंतिम विचार

मनुष्य के जीवन में। 

शुक्रवार, 13 नवंबर 2020

अधूरी रह गई दिवाली


दीपक 
खरीद लाये 
बाज़ार से
कर आये मोल भाव
कुम्हार से 

ले आये 
गुल्लक
सिखाने को 
बचत
बच्चे को अपने

मिठाइयाँ भी
पटाखे भी
नए कपड़े भी
दिला दिए
बच्चों को

रटा दिया 
अभिवादन 
'हैप्पी दिवाली' आदि आदि 

भूल गया मैं बताना कि  
कैसे समर्पण करते हैं 
तेल और बाती  
एक दूसरे के लिए ,
नहीं बताया कि
अंधेरे से लड़ने के लिए 
कैसे जलती है बाती 
अकेली , 
रोशनी के लिए
कैसे दीपक छोडता नहीं 
हौसला 
तेल के अंतिम बूंद तक !

अधूरी रह गयी
दिवाली 
मिटा जो नहीं 
भीतर  का अँधेरा 
इस बार भी ।