बुधवार, 21 सितंबर 2022

कैसे बनती है मां

मां के बारे में सोचते हुए
याद आती है हजारों बातें
उसका हंसना
उसका रोना
पसीने से लथपथ
लकड़ी वाले चूल्हे को फूंकते 
कंधे पर चढ़ाए
गरम गरम दालभात मसल कर खिलाते
डिब्बे में रोटी भुजिया स्कूल के लिए बांधते
बुशर्ट की बटन टांकते
स्वेटर बुनते
पुराने स्वेटर को उघाड़ नया स्वेटर बनाते
खेल धूप कर लौटने तक 
आंगन के मोहरी पर नजर गड़ाए
और फिर जीवन संगिनी के हाथ सौंप कर 
अलग हट जाते

याद नहीं मुझे मां की गर्भ में मैं कैसा था
गलत है कि मां केवल गर्भ में रखकर 
बच्चे को जन्म देती है
मां तो वह  बनाती है 
उस जैविक प्रक्रिया के बाद । 

सोमवार, 19 सितंबर 2022

मां का नहीं होना

 जैसे वृक्ष का  है

जड़ विहीन हो जाना 

नदी का है

जल हीन हो जाना 

पक्षी का है

पंख हीन हो जाना 

आग का है

तेज हीन हो जाना 

वायु का है

गति हीन हो जाना । 


मां का होना होता है

दुनिया का होना।  







शुक्रवार, 16 सितंबर 2022

मां का नहीं होना

 सूरज के होते हुए भी 

पसरा होता है अंधेरा 

चांद के होते हुए 

नहीं होती शीतलता 

नर्म दूब जब लगे 

तपता अंगारो सा 

फिर लगता है क्या होता है 

मां का नहीं होना। 


गुरुवार, 15 सितंबर 2022

मां का नहीं होना

 मां के नहीं होने 

और होने के बीच का अन्तर 

मां के रहते 

कभी समझ नहीं आता

और जब समझ में आता है

मां फिसल जाती है 

समय की मुट्ठी से 

 रेत की तरह

 मुट्ठी से फिसला हुआ रेत

कब लौटा है मुट्ठी में। 











गुरुवार, 18 अगस्त 2022

डी एच लारेंस की कविता सर्च द ट्रुथ का अनुवाद

प्रस्तुत है  डी एच लारेंस की छोटी कविता सर्च द ट्रुथ का अनुवाद । 


सत्य की खोज

डी एच लॉरेंस

 

अब और कुछ नहीं खोजें, कुछ भी नहीं

सत्य के सिवा ।

धैर्य बनाकर प्रयासरत रहें एवं सत्य को प्राप्त करें ।

 

अंत में ,  स्वयं से प्रथम प्रश्न करें  :

ओह ! कितना बड़ा मिथ्यावादी हूँ मैं !

 

अनुवाद : अरुण चन्द्र राय

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Search for Truth

D H Lawrence

 

Search for nothing any more, nothing

except truth.

Be very still, and try and get at the truth.

 

And the first question to ask yourself is:

How great a liar am I?