गुरुवार, 25 फ़रवरी 2010

अच्छा लगता है

अच्छा लगता है
जब सोमना अपने बेटे का नाम
अक्षत रखता है।
और अब उसकी बेटी लछमिनिया
आँगन वादी केंद्र पर
लक्ष्मी दीदी के नाम से जानी जाती है।

अच्छा लगता है कि
बेगार नहीं करता सोमना अब
और अपनी मजूरी के लिए
मेरे नानाजी की आँख से
आँख मिला लेता है।

रेडियो पर कमेंट्री सुनते
सोमना हांकता है ट्रक्टर
और शाम को टीवी पर
समाचार भी सुनता है।

आशंका से डरता हूँ
सोमना मंदिर- मस्जिद ना पहुंचे
ना किसी बाबा से मिले
किसी झंडे का पिट्ठू भी ना बन जाए।

सोमनाथ उर्फ़ सोमना
उसे देख कर अच्छा लगता है।

5 टिप्‍पणियां:

  1. bahut hi acchi baat kahi hai aapne ..
    आशंका से डरता हूँ
    सोमना मंदिर- मस्जिद ना पहुंचे
    ना किसी बाबा से मिले
    किसी झंडे का पिट्ठू भी ना बन जाए।
    bas yah nahi hona chahiye..

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  2. नयी स्थितियों में सोमना को ज्यादा ही चुनौती का सामना
    करना पड़ रहा है ... सोमना को लेकर उम्मीद भी इसी
    कविता की तरह बची रहेगी ...
    पधारने का शुक्रिया ....

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  3. somna somna hi rahe aur hamare dil ko khush karta rahe
    bahut hi gahre bhawon ko vyakt kiya hai

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  4. आशंका से डरता हूँ
    सोमना मंदिर- मस्जिद ना पहुंचे
    ना किसी बाबा से मिले
    किसी झंडे का पिट्ठू भी ना बन जाए।


    आपको व आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें

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