पक्ष और विपक्ष
तर्क, वितर्क और कू
मिथ्या, सत्य और अर्धसत्य
इन सबके बीच भी
होता है बहुत कुछ
जो चर्चाओं में नहीं आता।
वह जो चर्चाओं में नहीं आता
कौन जानना चाहता है उनके बारे में
कुछ सफेद होते हैं
कुछ काले होते हैं
इनके बीच भी कुछ ऐसे होते हैं
जो काला होकर भी काले नहीं है
जो सफेद होकर भी सफेद नहीं होते
इस द्वंद की बीच जो है
उसके पक्ष में कोई नहीं होता
उसके तर्क नहीं होते
उसके झंडे का कोई रंग नहीं होता।
तर्क, वितर्क और कू
मिथ्या, सत्य और अर्धसत्य
इन सबके बीच भी
होता है बहुत कुछ
जो चर्चाओं में नहीं आता।
वह जो चर्चाओं में नहीं आता
कौन जानना चाहता है उनके बारे में
कुछ सफेद होते हैं
कुछ काले होते हैं
इनके बीच भी कुछ ऐसे होते हैं
जो काला होकर भी काले नहीं है
जो सफेद होकर भी सफेद नहीं होते
इस द्वंद की बीच जो है
उसके पक्ष में कोई नहीं होता
उसके तर्क नहीं होते
उसके झंडे का कोई रंग नहीं होता।
सटीक
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (06-01-2019) को "कांग्रेस के इम्तिहान का साल" (चर्चा अंक-3208) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बढिया रचना
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबढ़िया
जवाब देंहटाएंउनके झंडे का कोई रंग नहीं होता इसलिए तो अपने अपने रंग वाले मुखर नज़र आते हैं ... अपने रंग अनुसार उनके रंग बदल लेते हैं ...
जवाब देंहटाएंशानदार......द्वन्द को दर्शाती अनुपम प्रस्तुति|
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