१.
त्रुटियाँ
मनुष्य ही कर सकता है
त्रुटियों का एहसास
उसे और भी अधिक मनुष्य बनाता है
त्रुटियों से जब हम सीखने लगते हैं
गढ़ने लगते हैं मनुष्य होने का अर्थ .
२.
मनुष्य यदि
न करे कोई त्रुटि
वह ईश्वर होने लगता है
जिसके अस्तित्व का
होता है केवल आभास
प्रत्यक्ष होते हैं
त्रुटियों से भरे मनुष्य
३.
बुद्धिजीवी
करते हैं त्रुटियों का
आर्थिक, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक विश्लेषण
करते हैं विमर्श
लिखते हैं लेख
आम मनुष्य फिर कर बैठते हैं
एक नई त्रुटि
जिससे बुधिजीवी रहते हैं अपरिचित
खांटी मनुष्य होने के लिए
जरुरी तत्व है त्रुटि .
बुद्धिजीवी
जवाब देंहटाएंकरते हैं त्रुटियों का
आर्थिक, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक विश्लेषण
करते हैं विमर्श
लिखते हैं लेख
आम मनुष्य फिर कर बैठते हैं
एक नई त्रुटि
जिससे बुधिजीवी रहते हैं अपरिचित
खांटी मनुष्य होने के लिए
जरुरी तत्व है त्रुटि . बेहतरीन रचना आदरणीय 👌
सादर
त्रुटि के माध्यम से आपने वर्तमान जीवन सन्दर्भों को उकेरा है
जवाब देंहटाएंकितना कुछ कहती हैं आपकी चुटीली रचनाएं ...
जवाब देंहटाएंआप मुझे पढ़कर धन्य कर देते हैं .
हटाएंA candle of any size or color, https://imgur.com/a/2NrjeDr https://imgur.com/a/qDKon7g https://imgur.com/a/Y59BBAj https://imgur.com/a/7WIfeFD https://imgur.com/a/rAONtCW https://imgur.com/a/Q7b38Ts https://imgur.com/a/inFq7pj
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