गुरुवार, 13 अक्टूबर 2016

नए उद्यमियों के लिए लाइफलाइन- मुद्रा बैंक योजना

लेख 

नए उद्यमियों के लिए लाइफलाइन- मुद्रा बैंक योजना




पिछले साल अर्थात वर्ष 2015 में 8 अप्रैल को प्रधानमंत्री मुद्रा बैंक नाम से प्रारम्भ की गई योजना नए उद्यमियों के लिए लाइफलाइन के तौर पर साबित हो रही है।  प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की यह एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसका लक्ष्य भारत के छोटे उद्यमियों की सहायता करना है।  यह योजना भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के विकास और समृद्धि में सहायक बनने का सबसे बड़ा माध्‍यम बन कर उभर रही है।  मुद्रा का तात्पर्य  है - माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी।  यह एक ऐसी योजना है जो अर्थव्‍यवस्‍था में छोटे उद्यमियों के योगदान पर जोर देते हुए देश में इनक्लूसिव ग्रोथ का वातावरण बनाएंगे और नई उद्यमिता को बढ़ावा देंगे।  

मुद्रा योजना ने अपने निर्धारित लक्ष्य साल भर से पहले ही प्राप्त कर लिए जो बताता है कि यह योजना जिस दृष्टि और उद्देश्य से शुरू की गई थी वह बेहद जरुरी थी।  मुद्रा बैंक योजना के तहत 28 मार्च 2016 तक 3 करोड़ 14 लाख सूक्ष्म उद्यमों के लिए लक्ष्यानुसार 1.22 लाख करोड़ रुपए की  कर्ज सहायता स्वीकृत करके 1.16 लाख करोड़ रुपए वितरित भी किए जा चुके थे।  2015-16 के केन्द्रीय बजट में इस योजना के तहत सूक्ष्म व्यवसायिक इकाइयों के विकास हेतु रिफायनेंस सुविधाएं उपलब्ध करवाने के 20,000 करोड़ रुपए के फंड तथा क्रेडिट गारंटी कोष के लिए 3,000 करोड़ रुपए के प्रावधान का ऐलान किया गया था।  लक्ष्यानुसार  5.75 करोड़ सूक्ष्म व्यावसायिक इकाइयों  में से 3.14 करोड़ इकाइयों को अर्थात 55 फीसदी इकाइयों को पहले साल में ही इस योजना के तहत वित्तीय सहायता उपलब्ध करवा दी गई है।
मुद्रा बैंक के सूक्ष्म वित्त योजना के तहत एक साल में सबसे ज्यादा कर्ज 6105 करोड़ रुपए कर्नाटक राज्य के सूक्ष्म उद्यमों को दिया गया है। कर्ज प्राप्त करने वाला दूसरा बड़ा राज्य  महाराष्ट्र है जहां 4638  करोड़ रुपए का कर्ज सूक्ष्म इकाइयों को प्राप्त हुआ। अन्य प्रमुख राज्य हैं तमिलनाडु 4483 करोड़ रुपए, उत्तर प्रदेश 3600 करोड़ रुपए, आंध्र प्रदेश 3151 करोड़ रुपए, पश्चिम बंगाल 2639 करोड़ रुपए, गुजरात 2487 करोड़ रुपए, बिहार 2332 करोड़ रुपए, मध्यप्रदेश 2236 करोड़ रुपए, और पंजाब 1695 करोड़ रुपए की कर्ज सहायता उपलब्ध कराई गई।
वर्ष 2016-17 में 5.75 करोड़ सूक्ष्म इकाइयों का ऋण सहायता उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा गया है। सभी बैंकों एवं फायनेंस कम्पनियों को निर्देश दिए गए हैं कि सूक्ष्म इकाइयों के स्थल पर जाकर कर्ज सुविधा उपलब्ध करवाएं। 
मुद्रा बैंक सिडबी की इकाई के रूप में कार्य कर रहा है। मुद्रा बैंक योजना के तहत तीन तरह के कर्ज का प्रावधान है। पहला, शिशु योजना के तहत 50 हजार रुपए तक कर्ज, दूसरा, किशोर योजना के तहत 50 हजार रुपए से 5 लाख रुपए तक कर्ज तथा तीसरा, तरुण योजना के तहत 5 लाख रुपए से 10  लाख रुपए तक के कर्ज की व्यवस्था की गई है। मुद्रा बैंक पुनर्वित्त सुविधाएं उपलब्ध करवाने के साथ ही एक नियामक के रूप में भी कार्य कर रहा है। सरकार की अन्य योजनाओं के समान प्रधानमंत्री  मुद्रा बैंक योजना के तहत भी अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कारोबारियों को प्राथमिकता के आधार पर कर्ज उपलब्ध करवाया जा रहा है। कारोबारियों तक कर्ज सुविधा पहुंच का दायरा बढ़ाने के लिए डाक विभाग के विशाल नेटवर्क का उपयोग किया गया है। मुद्रा बैंक  द्वारा व्यवसायियों को दिए जानेवाले 10 लाख रुपए तक के कर्ज पर 50 फीसदी तक गारंटी दिए जाने से व्यवसायियों को बैंकों से कर्ज आसानी से मिल जाता है।

मुद्रा बैंक भारत के छोटे कारोबारियों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हुआ है। मुद्रा बैंक सूक्ष्म उद्यमों का रिफायनेंस सुविधा उपलब्ध करवाने वाला संस्थान है तथा यह रिफायनेंस स्कीम भी है। इसने माइक्रो फायनेंस कम्पनियों और बैंकों को न्यूनतम ब्याजदर पर पूर्ववित्त सुविधा उपलब्ध करवाई है। 

प्रधानमंत्री मुद्रा बैंक के प्रमुख उद्देश्य छोटे और सूक्ष्म व्यवसायों को प्रभावी ढंग से छोटे कर्ज मुहैया कराने की प्रभावी प्रणाली विकसित करने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत उपयुक्त ढांचा तैयार करना है


मुद्रा योजना के तहत छोटी से छोटी बिज़नेस इकाइयों को जोड़ने का लक्ष्य है ताकि वित्तीय लाभ जमीनी स्तर तक पहुच सके।  इन सूक्ष्म इकाइयों में स्टाल व गुमटी में कारोबार करने वाले अतिछोटे व्यवसायी, सब्जी विक्रेता, ठेले व फिरन्तु व्यवसायी, हॉकर आदि सभी शामिल हैं। इस प्रकार प्रधानमंत्री जन धन योजना के समान ही मुद्रा बैंक योजना लघु एवं अतिलघु व्यवसायियों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हुई है। यह इस योजना की सफलता का द्योतक है।


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