दीपक
खरीद लाये
बाज़ार से
कर आये मोल भाव
कुम्हार से
ले आये
गुल्लक
सिखाने को
बचत
बच्चे को अपने
मिठाइयाँ भी
नए कपड़े भी
दिला दिए
बच्चों को
रटा दिया
अभिवादन
'हैप्पी दिवाली' आदि आदि
भूल गया मैं बताना कि
कैसे समर्पण करते हैं
तेल और बाती
एक दूसरे के लिए ,
नहीं बताया कि
अंधेरे से लड़ने के लिए
कैसे जलती है बाती
अकेली ,
रोशनी के लिए
कैसे दीपक छोडता नहीं
हौसला
तेल के अंतिम बूंद तक !
अधूरी रह गयी
दिवाली
मिटा जो नहीं
भीतर का अँधेरा
इस बार भी ।
दीप पर्व की मंगलकामनाएं।
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जवाब देंहटाएंजय मां हाटेशवरी.......
आप सभी को पावन दिवाली की शुभकामनाएं......
आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
आप की इस रचना का लिंक भी......
15/11/2020 रविवार को......
पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
शामिल किया गया है.....
आप भी इस हलचल में. .....
सादर आमंत्रित है......
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धन्यवाद
अगर समझ की उपस्थिति हो गयी तो मन गयी पूरी दीवाली
जवाब देंहटाएंदीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ
वाह....बहुत खूब
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