गुरुवार, 17 जनवरी 2019

त्रुटियाँ

१.
त्रुटियाँ 
मनुष्य ही कर सकता है 
त्रुटियों का एहसास 
उसे और भी अधिक मनुष्य बनाता है 
त्रुटियों से जब हम सीखने लगते हैं 
गढ़ने लगते हैं मनुष्य होने का अर्थ . 

२. 
मनुष्य यदि 
न करे कोई त्रुटि
वह ईश्वर होने लगता है 
जिसके अस्तित्व का 
होता है केवल आभास 
प्रत्यक्ष होते हैं 
त्रुटियों से भरे मनुष्य 

३.
बुद्धिजीवी 
करते हैं त्रुटियों का 
आर्थिक, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक विश्लेषण 
करते हैं विमर्श 
लिखते हैं लेख 
आम मनुष्य फिर कर बैठते हैं 
एक नई त्रुटि 
जिससे बुधिजीवी रहते हैं अपरिचित 
खांटी मनुष्य होने के लिए 
जरुरी तत्व है त्रुटि . 



5 टिप्‍पणियां:

  1. बुद्धिजीवी
    करते हैं त्रुटियों का
    आर्थिक, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक विश्लेषण
    करते हैं विमर्श
    लिखते हैं लेख
    आम मनुष्य फिर कर बैठते हैं
    एक नई त्रुटि
    जिससे बुधिजीवी रहते हैं अपरिचित
    खांटी मनुष्य होने के लिए
    जरुरी तत्व है त्रुटि . बेहतरीन रचना आदरणीय 👌
    सादर

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  2. त्रुटि के माध्यम से आपने वर्तमान जीवन सन्दर्भों को उकेरा है

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  3. कितना कुछ कहती हैं आपकी चुटीली रचनाएं ...

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