मंगलवार, 25 अप्रैल 2023

शेष

 पिता अब नहीं हैं 

नहीं है मां भी अब

ऐसा तो कह नहीं सकते

क्योंकि वे हैं अब

अपनी वसीयतों में

दस्तावेजों में। 


शायद रह जाता है

यही शेष

दस्तावेज

मैं रहना चाहूंगा शेष

अपनी कविताओं में। 

2 टिप्‍पणियां:

  1. कौन कितना शेष बचेगा कहां रह जाएगा किस रूप में समय को पता होता है बस :) सुन्दर

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  2. चंद लाइनों में कितनी भावनाएं समेट दी है आपने, दिल को छू गई❣️ thanks for sharing

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