मील का पत्थर
रास्ते में यू ही रहता है
धरती की छाती मे धंसा भीतर
उस पर खुदा होता है
जगह का नाम
और अगले जगह की दूरी
मील का पत्थर
बोलता नहि है कुछ
बोलना जरूरी नहि होता
हर बार
राही हमेशा
निकल जाते हैं आगे
मील का पत्थर
मौन देखता है
बहुत सुंदर ।
जवाब देंहटाएंप्रभावशाली प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआपकी रचना बहुत कुछ सिखा जाती है