सोमवार, 15 फ़रवरी 2010

मणि आर्डर स्पीड पोस्ट से जाता है

बाबूजी को
अब इंतजार नहीं रहता
मेरे मणि आर्डर का
क्योंकि
ख़त्म हो गया है
उस फार्म पर
सन्देश के लिए जगह !

इन दिनों
मैं नहीं लिखा करता
कि इस महीने कम पैसे भेज रहा हूँ
क्योंकि बाबू के स्कूल की फीस भरनी है
या फिर जीवन बीमा का प्रीमियम भरना है
बस टिक कर देता हूँ
शुभकामनाओं का कालम !

बाबूजी को पता लग जाया करता था
मेरी माली हालत का
मणि आर्डर फार्म पर लिखे सन्देश से

हाशिये के पार
धीरे धीरे चले जायंगे
ये सन्देश और
इन संदेशों को पढनेवाली संवेदनाएं

धीरे धीरे बाबूजी को
कम दिखाई देने लगा है
समझ भी कम आने लगा है
और मेरे आसपास भी
कम होने लगी है जगह
धीरे धीरे !

सुना है अब मणि आर्डर
स्पीड पोस्ट से जाता है !
(नोट: मणि आर्डर फॉर्म बदल गया है और वहां सन्देश लिखने वाली जगह के स्थान पर रेडीमेड ग्रीटिंग्स के कोलौम आ गए हैं ! इसी रेडीमेड ग्रीटिंग्स से उपजे मेरे भाव!)

4 टिप्‍पणियां:

  1. धीरे धीरे बाबूजी को
    कम दिखाई देने लगा है
    समझ भी कम आने लगा है
    और मेरे आसपास भी
    कम होने लगी है जगह
    धीरे धीरे !
    ............
    kaha jo hai,uske piche ankaha dard hai .....jo mere dil tak utra hai, aur aankhon se chhalka hai

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  2. बहुत भावपूर्ण है और आज का यथार्थ है.

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  3. हाशिये के पार
    धीरे धीरे चले जायंगे
    ये सन्देश और
    इन संदेशों को पढनेवाली संवेदनाएं
    ha ye redimade sandesh in samvedanaon ko khatm kar denge.bahut vicharporn ,bhavporn rachana.

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  4. हाशिये के पार
    धीरे धीरे चले जायंगे
    ये सन्देश और
    इन संदेशों को पढनेवाली संवेदनाएं......
    sandesh bhejne vale ki kushal jaanne ki chahat aur pane vale ka intjaar dono ko jodne vala samvednao ka setu aaj ke maniorder ke swaroop se tirohit ho chala hai. bahut hi bhavpurn aur yatharth ko chitrit karti kavita. badhai....

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