1
मन के अंधेरे में
मृत्यु की आहट
जैसे खोल कर किवाड़
आती हो तुम ।
2.
मन की उदासी में
मृत्यु की कल्पना
जैसे कोई खींच कर ला रहा हो मुझे
तुमसे दूर, बहुत दूर
3.
मन में मुक्ति की आकांक्षा लिए
मृत्यु का वरण
जैसे तुम्हारा सानिध्य
तुम्हारा संग ।
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मन के अंधेरे में
मृत्यु की आहट
जैसे खोल कर किवाड़
आती हो तुम ।
2.
मन की उदासी में
मृत्यु की कल्पना
जैसे कोई खींच कर ला रहा हो मुझे
तुमसे दूर, बहुत दूर
3.
मन में मुक्ति की आकांक्षा लिए
मृत्यु का वरण
जैसे तुम्हारा सानिध्य
तुम्हारा संग ।
मैं तेरा गीत होना चाहता हूँ
मैं तेरा मीत होना चाहता हूँ
बोलने से तेरे रंग बरसते हैं
हँसती जो हो तुम फूल महकते हैं
तेरी धड़कनों का प्रीत होना चाहता हूँ
मैं तेरा गीत होना चाहता हूँ
परछाइयों सा रहूँ संग
मन में भर विपुल उमंग
खुद को हार कर तुम्हें जीत बनाना चाहता हूँ
मैं तेरा गीत होना चाहता हूँ
बोलता रहूँ मैं सच
निर्बलों का लूँ मैं पक्ष
बेआवाजों का संगीत होना चाहता हूँ
मैं तेरा गीत होना चाहता हूँ