गुरुवार, 2 नवंबर 2023

ग़ज़ल

चुप रहने का आदेश है ऊपर से 
कैसा बन रहा देश है ऊपर से  (1)

जो बोलेगा एक दिन मारा जायेगा 
आवाजें सिलने का निर्देश है ऊपर से (2)

गुमसुम चिड़िया बैठी है शाखों पर 
यह मनहूस सा  सन्देश है ऊपर से (3)

बम्ब बारूद के गिरने से छलनी 
देखो हुआ परिवेश है ऊपर से (4)

इस बार का त्यौहार बीतेगा सूना 
पिया मेरा परदेश है ऊपर से  (5)

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