मंगलवार, 31 अक्टूबर 2023

युद्ध

 1. 

बम्ब जहाँ गिरता है 

 गिनती तो होती है आदमियों के मरने की

नहीं गिनती होती है कि 

कितनी तबाह हुई मिट्टी. 


2.

बारूद के फटने से 

खून से सने बच्चों को तो गिन लेते हैं हम 

नहीं गिने  जाते हैं 

गिरे हुए पेड़ , झुलसे हुए पत्ते. 


3. 

राकेटो के धमाके से 

इसकी खबर तो आती है कि टूट गए हैं बाँध 

नहीं खबर आती है कि 

मर गईं हैं  सैकड़ों मछलियाँ. 


4. 

टैंको की धमक से 

टूटी सड़कों की तस्वीरें छा जाती हैं 

दुनियाँ भर में 

अनखिची रह जाती हैं 

चिड़ियों के घोंसलों से गिरे अण्डों की तस्वीरें.  

2 टिप्‍पणियां:

  1. हम अक्सर सिर्फ इंसानों की गिनती देखते हैं, पर युद्ध की असली चोट जमीन, पेड़ों, नदियों और उन मासूम जीवों पर भी पड़ती है जिनकी आवाज कहीं नहीं पहुँचती। मैं आपकी बात से पूरी तरह सहमत हूँ कि प्रकृति का दर्द कोई नहीं गिनता।

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