(कल प्रेम दिवस था. आज सुबह सुबह मोहल्ले के कूड़ेदान में बिखरी हुई थी गुलाब की अनगिनत पंखुड़िया. वहीँ से जन्मी यह कविता किसी अनामिका के लिए)
एक गुलाब
लिया था मैंने
देने को
उपहार
नहीं मालूम था
नहीं करोगी तुम
उसे स्वीकार
बिखर गईं
पखुडियाँ
और हवाओं में
हैं बिखरी देखो
तुम्हारे जन्मदिन की
असंख्य शुभकामनाएं
अनाम .
वाह क्या अन्दाज़ है जन्मदिन की शुभकामना देने का…………बहुत अच्छा लगा।
जवाब देंहटाएंNihayat pyari rachana!
जवाब देंहटाएंBahut khoob...
जवाब देंहटाएंवाह नया अन्दाज़ ! अरुण जी..
जवाब देंहटाएंइस कविता का तो जवाब नहीं !
वैलेंटाईन डे की हार्दिक शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंis rachna mein bikhre phulon se bikhre ehsaas hain ....
जवाब देंहटाएंऐसा लगा जैसे सब कुछ बिखरा सा है ..अच्छी अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंपहुँच ही गयी होंगी उस तक ये शुभकामनाएं..टेलीपैथी बनकर...:)
जवाब देंहटाएंanant shubkamnayon ne dust bean me bhi jagah bana li...:)
जवाब देंहटाएंबिखर गईं
जवाब देंहटाएंपखुडियाँ
और हवाओं में
हैं बिखरी देखो
तुम्हारे जन्मदिन की
असंख्य शुभकामनाएं..
वाह आखिर हवाओं द्वारा ही सही पैगाम तो पहुँच ही गया...बहुत खूबसूरत अंदाज़ में लिखी रचना..
और एक दिन जिन्दगी भी यूँ ही अनाम गुम हो जाती है ......गुलाब की पंखुड़ी की तरह ....काश हम जी पाते इसे और दे पाते किसी को जन्मदिन की बधाई ...
जवाब देंहटाएंक्या खूब दिन है जन्म का, पंखुडी-पंखुड़ी, गुलाब ही गुलाब.
जवाब देंहटाएंवाह अनोखा अंदाज शुभकामनायें देने का ..
जवाब देंहटाएंअच्छा बिम्ब खींचा गया है. छोटी मगर कविता जैसी रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अंदाज सुभकामनाएँ देने का| धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंये आपकी कविता ....
जवाब देंहटाएंगुलाब की पंखुडियों के साथ स्थान विशेष की गंध है इस कविता में।
वाह, अपना प्यार लुटाना ही इस दिन की सार्थकता है।
जवाब देंहटाएंवाह, अपना प्यार लुटाना ही इस दिन की सार्थकता है।
जवाब देंहटाएंpatta patta buta buta haal hamara jaane hai ,
जवाब देंहटाएंjaane na jaane gul hi na jaane bagh to sara jaane hai
बचपन में जब पूजा के लिए फूल तोड़ने को हम भाई बहनों को भेजा जाता था,अक्सर ही मैं रो पड़ती थी...मुझे फूलों को पेड़ से जुदा करना असह्य लगता था...
जवाब देंहटाएंअब और क्या कहूँ...
दिल को choo gayi ये अभिव्यक्ति ... .
जवाब देंहटाएंजन्मदिन की शुभकामनाएं यूँ दी गयीं!..वाह!
जवाब देंहटाएं'मिलिए रेखाओं के अप्रतिम जादूगर से '
सुंदर कविता और आपका अपना अंदाज़. शुभकामनायें अच्छी रचना के लिए.
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