काले लोगों के
स्याह इतिहास की कहानी हूँ
मैं, फ्रीडम टाउन
जिसे शर्मिंदा होना चाहिए
अपने नाम पर
हूँ मैं दुनिया के सबसे गरीब देशों में एक
सिएरा लियोन की राजधानी
प्रसिद्द हूँ मैं
दुनिया भर में
अपने हीरों की खानों के लिए
वैभव का यह प्रतीक
हमारे लिए नहीं ला पाया
सुबह और शाम की रोटी
पूरे तन पर कपडा और छत
जबकि जिसे पट्टे पर दी गई थी
हीरे की खाने वह 'ड़ी बीयर्स'
हैं दुनिया का सबसे मशहूर ब्रांड
ब्रांड तो हम भी हैं
भुखमरी, गरीबी और
तथाकथित हिंसा के,
फ्रीडम टाउन हूँ मैं
जो अपने इतिहास में
कभी नहीं रहा 'फ्री'
दास रहे हम सदियों तक
जब भी कोशिश हुई
संगठित होने की
स्वतंत्रता पाने की
संगठित रूप से कुचल दिए गए हम
कहने को तो आज़ाद होकर आये थे
अमरीकी क्रांति के बाद
लेकिन वास्तव में वह
दासत्व की दूसरी पारी थी
आपको शायद याद ना हो
या फिर इतिहास में दर्ज ना हो कहीं
'हट टैक्स वार' जिसमे एक ही साथ
हमरे ९६ सेनानियों को धोखे से
चढ़ा दी गई फांसी
जिसमे शामिल थे 'बाई बुरेह'
जिनके हाथों में थी
आज़ादी के युद्ध की डोर,
था यह एक युद्ध
साम्राज्यवाद की लगान प्रणाली के विरुद्ध
लेकिन कहा गया इसे
श्रमिकों का उपद्रव
फ्रीटाउन मैं मूक रहा
हो न सका फ्री
उसके बाद कभी
हमारी जेल
विश्व प्रसिद्ध हैं
जहाँ एक छोटी सी कोठरी में
रहते हैं सौ-सौ बंदी
बंदी वे हैं जिन पर हैं
रोटी,ब्रेड , पाव चुराने का आरोप
बनी हैं हमारे जेल पर
कई फिल्मे, लिखी गई हैं कहानियाँ
और इन अमानवीय दृश्य के तस्वीरों को
मिले है दुनिया भर में पुरस्कार
फ्रीटाउन
सिएरा लियोन की राजधानी में
कभी आयेंगे तो
दूंगा मैं दमकते हीरे
उपहार में
निवेदन है किसाथ लाइयेगा आप
थोड़ी सी रौशनी
हमारे लिए
फ्रीडम टाउन के लिए
(सभी चित्र सिएरा लियोन के जेल के हैं और बर्सिलोन के प्रसिद्द छायाकार फ़र्नांडो मोलेरेस के हैं. www.livemint.com के सौजन्य से )
फ्रीडम टाउन सिएरा लियोन के इतिहास और वर्तमान को आपने बखूबी अभिव्यक्त किया है ..एक अलग सी दास्तान है इस नगर की जो अपनी कहानी खुद कहता है ..और आपने इस कहानी को अपनी लेखनी के माध्यम से जीवित कर दिया ....आपका आभार
जवाब देंहटाएंbahut saarthak lekh .badhaai.
जवाब देंहटाएंplease visit my blog.thanks
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
जवाब देंहटाएंप्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (6-6-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com/
सिएरा लिओन के इतिहास पर एक कविता. अच्छा विषय और सुंदर कविता. इस विषय पर बहुत कुछ नया जानने को मिला. धन्यबाद.
जवाब देंहटाएंhttp;//shayaridays.blogspot.com
जवाब देंहटाएंBahut bhayawah aur udaasee bhara chitran hai! Kavita atyant sundar hai is me koyee shak nahee.
जवाब देंहटाएंइस कविता के माध्यम से नयी जानकारी मिली ..अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंमहत्व्त्पूर्ण और दुर्लभ जानकारी और फक्ट्स को काव्यबद्ध करने का आपका अंदाज अनूठा है.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर .
आपको शायद याद ना हो
जवाब देंहटाएंया फिर इतिहास में दर्ज ना हो कहीं
'हट टैक्स वार' जिसमे एक ही साथ
हमरे ९६ सेनानियों को धोखे से
चढ़ा दी गई फांसी
जिसमे शामिल थे 'बाई बुरेह'
जिनके हाथों में थी
आपकी कविता informative भी रहती है और नए विषय पर होने के कारण ताज़गी का अहसास भी कराती है.वाह अरुण जी.
Bahut hi dard bhari prastuti hi....
जवाब देंहटाएंkuchh sochane ko majbur karti.
निवेदन है कि
जवाब देंहटाएंसाथ लाइयेगा आप
थोड़ी सी रौशनी
हमारे लिए
फ्रीडम टाउन के लिए
बहुत से नए तथ्यों से अवगत हुआ। कविता के विन्यास बहुत सुंदर है। विषय भी गंभीर प्रश्न खड़े करता हुआ। और पंच लाइन तो शानदार है। आपका काव्यात्मक निखार दिनों दिन बहुत ही अच्छा होता जा रहा है।
kimbadantiyan banata bartman kabhi socha nahin
जवाब देंहटाएंtha ----वैभव का यह प्रतीक
हमारे लिए नहीं ला पाया
सुबह और शाम की रोटी
पूरे तन पर कपडा और छत
जबकि जिसे पट्टे पर दी गई थी
हीरे की खाने वह 'ड़ी बीयर्स'
mamsparshi chitaran ,,,,abhar
अरुण जी सच कहूँ तो आँखे भर आयीं हैं मेरी इतनी बेबसी देखकर....एक बार आपको फिर हैट्स ऑफ |
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर सार्थक रचना और सुंदर चित्र |
जवाब देंहटाएंबधाई
आशा
ओह...दारुन ... मार्मिक...
जवाब देंहटाएंमनुष्य में मनुष्यता कब आयेगी ????
नया विषय और मार्मिक रचना ....
जवाब देंहटाएंबेहद मार्मिक रचना है....
जवाब देंहटाएंएक बिलकुल अनछुए विषय को कविता का रूप दिया है...
" Blood Diamonds " फिल्म में भूखे पेट भीषण गरीबी झेलते...हीरे तलाशने वालों की जीवनदशा दर्शाई गयी है...इस कविता ने वो सारे दृश्य आँखों के सामने ला दिए
अरुण राय जी ऐसी उच्च कोटि की रचनाएँ पढवाने के लिए - धन्यवाद् आभार
जवाब देंहटाएंअफ्रीकी देशों में ज़मीन खरीदकर,वहाँ के भूखे मर रहे लोगों की मजदूरी से अनाज उगाकर उनका अमेरिका को निर्यात किया जाता है.. बाद में वहाँ के भुखमरी पीड़ित रियाया को वही अन्नज दान में देकर अंकल सैम दानी कर्ण कहलाते हैं..
जवाब देंहटाएंआपकी कविता उसी वेदना की एक कड़ी है!!
उफ,भयानक वेद्ना,
जवाब देंहटाएंआभार विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
रिक्त रही,
जवाब देंहटाएंथा सभी।
निवेदन है कि
जवाब देंहटाएंसाथ लाइयेगा आप
थोड़ी सी रौशनी
हमारे लिए
फ्रीडम टाउन के लिए....
behad maarmik ...
.
सत्य को हूबहू बयान करती .. दस्तावेज़ है ये रचना ...
जवाब देंहटाएंइस कविता के माध्यम से नयी जानकारी मिली .....अंदाज अनूठा है....इस विषय पर बहुत कुछ नया जानने को मिला..
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