बुधवार, 20 जनवरी 2010

गुल्लक


बच्चों को
अच्छा लगता है
गुल्लक

क्योंकि
अच्छा लगता है
दादा की चवन्नी
दादी की अठन्नी
काका का सिक्का


बच्चों को
अच्छा लगता है
गुल्लक

क्योंकि
अच्छा लगता है
छोटी छोटी बचत से
'सपनो को सच करने' का सपना
माँ के लिए इक अदद साड़ी लाने का सपना
पिता के लिए चश्मे का सपना
गुल्लक के भर जाने के बाद...

अब गुल्लक
नहीं रहे
और नहीं रहे
छोटी छोटी बचत से
पूरे होने वाले सपने !

5 टिप्‍पणियां:

  1. बचपन में पहुंच गये हम । गुल्लक संस्क्रिति मेरे यहां अभी भी चल रही है मेरे बेटे के माध्यम से ।

    आप शायद ब्लागवाणी और चिट्ठाजगत पर पंजीक्रित नही हैं , क्योंकि मैने देखा नही है , पंजीकरण करा लीजिये

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  2. vo har ek sikke ke saath gullak hila-hila kar dekhana aur paison ka hisab lagana............

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  3. अब गुल्लक
    नहीं रहे
    और नहीं रहे
    छोटी छोटी बचत से
    पूरे होने वाले सपने !
    gullak ab bhi hai aur hamesha rahegi beshak uska aakar bank accounts aur investments ho gaya hai. aaj bhi pure hote hai sapne choti choti bachat se. choti bachat se pure hone vale sapno mein self confidence aur jyada khushi chhipi hoti hai.

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  4. क्योंकि
    अच्छा लगता है
    दादा की चवन्नी
    दादी की अठन्नी
    काका का सिक्का....
    अब गुल्लक
    नहीं रहे......
    beshak nahi rahi chavanni aur atthanni per gullak ab bhi hai aur usme jama hote hai chote chote sapne....

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