जब
थक जाती हैं आंखे
करते करते
तुम्हारा इन्तजार
भोली सूरत तुम्हारी
पलकों में आकार
स्वयं ही
ठहर जाती है
और
नींद नहीं आने
तक बनी रहती है
पूरक हो तुम सांसों की ।
सपने देखता हूँ
मैं और
पूरा करने को
आतुर रहते हो
तुम
क्यों ना कहू
पूरक हो तुम सपनों के ।
समंदर
शोभित है
लहरों से
तुम हो लहर
कैसे ना होऊं
मैं तुम्हारा समंदर
पूरक हूँ मैं भावों का ।
रिश्ता है
अपना जैसे
बादल और पानी का
मैं
पूर्ण करता हूँ तुम्हे
और तुम
नेह बरसा जाती हो
मुझ पर
पूरक हो तुम जीवन की ।
arun jee
जवाब देंहटाएंnamaskar !
''purak ho tum jeevan ki '' sunder abhivyakti ,
saadar!
बहुत भावपूर्ण रचना ...
जवाब देंहटाएंसपने देखता हूँ
जवाब देंहटाएंमैं और
पूरा करने को
आतुर रहते हो
तुम
क्यों ना कहू
पूरक हो तुम सपनों के ।
...sundar bhavon se ot-prot rachna
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
जवाब देंहटाएंप्रस्तुति के प्रति मेरे भावों का समन्वय
कल (30/8/2010) के चर्चा मंच पर देखियेगा
और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com
बड़ी सुन्दर बात कही है।
जवाब देंहटाएंmain aur tum
जवाब देंहटाएंek poornta tum
ek main
ban jate hain hum
bhaut sunder...bina poorak ke sab bekar..
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह उम्दा!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी कविता।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति।
हिंदी द्वारा सारे भारत को एक सूत्र में पिरोया जा सकता है।
बेहतरीन.....मन के भावों का सहज प्रकटीकरण......बहुत सुन्दर कविता|
जवाब देंहटाएंbahut sundar!
जवाब देंहटाएंsundar abhivyakti!
जवाब देंहटाएंरिश्ता है
जवाब देंहटाएंअपना जैसे
बादल और पानी का
मैं
पूर्ण करता हूँ तुम्हे
और तुम
नेह बरसा जाती हो
मुझ पर
पूरक हो तुम जीवन की ।
गजब कि पंक्तियाँ हैं ...
बहुत सुंदर रचना.... अंतिम पंक्तियों ने मन मोह लिया...
जीवन की पूर्णता को व्यक्त करती हुई लाजबाव अभिव्यक्ति। बधाई! -: VISIT MY BLOG :- गमोँ की झलक से जो डर जाते हैं।.............गजल को पढ़कर अपने अमूल्य विचार व्यक्त करने के लिए आप सादर आमंत्रित है। आप इस लिँक पर क्लिक कर सकते हैँ।
जवाब देंहटाएंइस बार के ( ३१ अगस्त , मंगलवार ) साप्ताहिक चर्चा मंच पर आप विशेष रूप से आमंत्रित हैं ...आपके लिए कुछ विशेष है ....आपकी उपस्थिति नयी उर्जा प्रदान करती है .....मुझे आपका इंतज़ार रहेगा....
जवाब देंहटाएंशुक्रिया
कितनी बखूबी प्रेम और समर्पण को दर्शाया है निःशब्द कर दिया
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