बुधवार, 9 मई 2012

सूखे खेत की मेड़ पर



बैठ सूखे खेत की  मेड़  पर
घड़ियाँ टिक टिक नहीं करती
समय ठहर जाता है
आँखों के सूनेपन के भय से

यहाँ से
आसमान का रंग
दिखता है काला
लेकिन बादलों से भरा नहीं

चिड़िया लौट जाती  हैं
भूखे पेट
थके हुए डैने लेकर और
चूहों के बिल
खाली रहते हैं
आँगन के पसरे सन्नाटे की तरह
किसान के अनाजघर की तरह

सूखे खेत की  मेड़ पर
नहीं उगती  दूब
खर या पतवार भी

समय ठहर जाता है यहाँ .

23 टिप्‍पणियां:

  1. चिड़िया लौट जाती हैं
    भूखे पेट
    थके हुए डैने लेकर और
    चूहों के बिल
    खाली रहते हैं
    आँगन के पसरे सन्नाटे की तरह
    किसान के अनाजघर की तरह
    ... बहुत बढ़िया

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  2. सूखे खेत की मेड़ पर
    नहीं उगती दूब
    खर या पतवार भी....

    बहुत सुंदर प्रस्तुति,..

    my recent post....काव्यान्जलि ...: कभी कभी.....

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  3. मैने तो सुना है...

    पत्थरों में भी
    उग आती है
    दूब।

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  4. हर बार एक नया अन्दाज़ होता है जो सोचने को मजबूर करता है।

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  5. सूखे खेत की मेड़ पर
    नहीं उगती दूब
    खर या पतवार भी.
    /
    गुलज़ार साहब याद आ गये.. वे कहते हैं कि उस मेंड की कोख अगर न कुचली गई होती, तो उसकी भी "बेटी" ब्याहने लायक होती!!
    /
    बहुत ही संवेदनशील कविता!!

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  6. इस दृश्य की कल्पना से ही समय ठहर गया सा लगता है!

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  7. व्यापक परिदृश्य में इस कविता को देखा जाए तो आज सारा देश ही सूखे खेत की मेड़ की तरह हो गया है और महंगाई और भ्रष्टाचार के ताप से हमारे मन जीवन की मुस्काने, चहचहाहट और टिक-टिक गायब है और एक सन्नाटा चतुर्दिक पसरा हुआ है।

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  8. आपकी लेखनी बहुत प्रभावित करती है...भाषा और भाव पर आपका अधिकार अद्भुत है...इस रचना के लिए बधाई

    नीरज

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  9. क्योंकि इनके प्रश्न स्तब्ध कर देने वाले हो जाते हैं।

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  10. बहुत ही सहज शब्दों में कितनी गहरी बात कह दी आपने..... खुबसूरत अभिवयक्ति....

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  11. सूखे खेत और खाली बादल किस काम के...?

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  12. सूखे खेत और खाली बादल भी जरूरी होते हैं
    आपदाग्रस्त के बजट की वही तो खाना पूरी होते हैं ।

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  13. सूखे खेत की मेड़ पर
    नहीं उगती दूब
    खर या पतवार भी

    समय ठहर जाता है यहाँ .
    Kaisi vidambana hai ye!

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  14. सूखे इसलिए रहे क्योंकि सींचे नहीं गए
    सींचे इसलिए नहीं गए क्योंकि साधन नहीं थे

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  15. ऐसी कवितायेँ ही मन में उतरती हैं ॥

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  16. मन को छूने वाली रचना...
    बधाई आपको ..

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  17. मन को छूने वाली रचना...
    बधाई आपको ..

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