शुक्रवार, 25 दिसंबर 2015

सांता क्लॉस नहीं पहुंचे

सांता क्लॉस नहीं पहुंचे  
आसमान के नीचे रह रहे 
ठिठुरते बच्चो के बीच 
जिन्हे मालूम नहीं 
क्या होते हैं सपने 
क्या माँगना होता है सपने में 

सांता क्लॉस नहीं पहुंचे 
सड़को पर खिलौने बेचते बच्चो के बीच 
जिन्हे रिरिया कर ,  हाथ=पैर जोड़ कर 
खिलौने बेचना आता 
इन खिलौने से उन्हें खेलना नहीं आता 

सांता क्लॉस नहीं पहुंचे 
उस लड़की के पास जो बेच रही थी 
लाल गुलाब , सांता की लाल टोपी , मुखौटा 
मैले-कुचैले कपड़ो में 

सांता क्लॉस नहीं पहुंचे 

8 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (27-12-2015) को "पल में तोला पल में माशा" (चर्चा अंक-2203) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    जवाब देंहटाएं
  2. Enjoy 15% Off on any of the print packages and the next Ebook for free to welcome 2016, and also get cash back offer Up to 3500

    Ebook Publishing cash back offer

    जवाब देंहटाएं
  3. ऊपर वाला भी उनसे नज़रे फेरे रहता है तभी तो वो किसी को नज़र आकर भी नज़र नहीं आते ...
    सार्थक चिंतनशील रचना
    आपको जन्मदिन की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं!

    जवाब देंहटाएं
  4. सटीक चिंतन ... कहाँ से आयेंगे सांता ... ऊंची चट्टानों से उन्हें कोई नीचे भी तो आने दे ....

    जवाब देंहटाएं
  5. Santa claus is just a part of neo colonialism.
    Why would he come for colonies whose people cant govern themselves. Nirala did it . But we forgot him as person .

    जवाब देंहटाएं
  6. Santa claus is just a part of neo colonialism.
    Why would he come for colonies whose people cant govern themselves. Nirala did it . But we forgot him as person .

    जवाब देंहटाएं
  7. जरुरतमंदो तक नही पुँहचता ईश्वर

    जवाब देंहटाएं