जब होता है
स्कूल जाने का समय
वह ठेलता है रिक्शा
ठीक उसी समय चल रहा होता है
रेडियो पर 'बचपन बचाओ' का विज्ञापन
जब बच्चे कर रहे होते हैं
विद्यालयों में प्रार्थना
वह धो चुकी होती है
कई घरों की रात की झूठी प्लेटें
लगा चुकी होती है झाड़ू और पोंछा
ठीक उसी समय टेलीविज़न पर
साक्षात्कार दे रहा है कोई सेलिब्रिटी
"बेटी बचाओ" अभियान के बारे में
ठीक उसी समय अखबारों में
छपे होते हैं आकड़े
देश के स्कूलों में बढ़ रहे हैं
छात्रों की संख्या
सुधर रही है लैंगिक अनुपात !
स्कूल जाने का समय
वह ठेलता है रिक्शा
ठीक उसी समय चल रहा होता है
रेडियो पर 'बचपन बचाओ' का विज्ञापन
जब बच्चे कर रहे होते हैं
विद्यालयों में प्रार्थना
वह धो चुकी होती है
कई घरों की रात की झूठी प्लेटें
लगा चुकी होती है झाड़ू और पोंछा
ठीक उसी समय टेलीविज़न पर
साक्षात्कार दे रहा है कोई सेलिब्रिटी
"बेटी बचाओ" अभियान के बारे में
ठीक उसी समय अखबारों में
छपे होते हैं आकड़े
देश के स्कूलों में बढ़ रहे हैं
छात्रों की संख्या
सुधर रही है लैंगिक अनुपात !
ठीक उसी समय
जवाब देंहटाएंबहुत कुछ होता है।
बहुत सुन्दर ।
आज सलिल वर्मा जी ले कर आयें हैं ब्लॉग बुलेटिन की १९५० वीं पोस्ट ... तो पढ़ना न भूलें ...
जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, बजट, बेचैन आत्मा और १९५० वीं ब्लॉग-बुलेटिन “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (03-02-2018) को "धरती का सिंगार" (चर्चा अंक-2868) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
Its such a wonderful post, keep writing
जवाब देंहटाएंpublish your line in book form with Hindi Book Publisher India
सुंदर प्रस्तुति . मेरे ब्लॉग पर भी आईए.
जवाब देंहटाएंhttp://iwillrocknow.blogspot.in/
Thanks for sharing this. Read more Latest News by Yuva Press India
जवाब देंहटाएंनिमंत्रण :
जवाब देंहटाएंविशेष : आज 'सोमवार' १९ फरवरी २०१८ को 'लोकतंत्र' संवाद मंच ऐसे ही एक व्यक्तित्व से आपका परिचय करवाने जा रहा है जो एक साहित्यिक पत्रिका 'साहित्य सुधा' के संपादक व स्वयं भी एक सशक्त लेखक के रूप में कई कीर्तिमान स्थापित कर चुके हैं। वर्तमान में अपनी पत्रिका 'साहित्य सुधा' के माध्यम से नवोदित लेखकों को एक उचित मंच प्रदान करने हेतु प्रतिबद्ध हैं। अतः 'लोकतंत्र' संवाद मंच आप सभी का स्वागत करता है। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/
टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।