शुक्रवार, 13 नवंबर 2020

अधूरी रह गई दिवाली


दीपक 
खरीद लाये 
बाज़ार से
कर आये मोल भाव
कुम्हार से 

ले आये 
गुल्लक
सिखाने को 
बचत
बच्चे को अपने

मिठाइयाँ भी
पटाखे भी
नए कपड़े भी
दिला दिए
बच्चों को

रटा दिया 
अभिवादन 
'हैप्पी दिवाली' आदि आदि 

भूल गया मैं बताना कि  
कैसे समर्पण करते हैं 
तेल और बाती  
एक दूसरे के लिए ,
नहीं बताया कि
अंधेरे से लड़ने के लिए 
कैसे जलती है बाती 
अकेली , 
रोशनी के लिए
कैसे दीपक छोडता नहीं 
हौसला 
तेल के अंतिम बूंद तक !

अधूरी रह गयी
दिवाली 
मिटा जो नहीं 
भीतर  का अँधेरा 
इस बार भी ।  

4 टिप्‍पणियां:


  1. जय मां हाटेशवरी.......
    आप सभी को पावन दिवाली की शुभकामनाएं......


    आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
    आप की इस रचना का लिंक भी......
    15/11/2020 रविवार को......
    पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
    शामिल किया गया है.....
    आप भी इस हलचल में. .....
    सादर आमंत्रित है......


    अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
    https://www.halchalwith5links.blogspot.com
    धन्यवाद

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  2. अगर समझ की उपस्थिति हो गयी तो मन गयी पूरी दीवाली
    दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ

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