गुरुवार, 2 जनवरी 2025

खुरदुरे हाथों का स्पर्श

खुरदुरे हाथों से किसान 

ढीली करता है समय समय पर 

फसलों की जड़ें 

ताकि पहुँच सके वहाँ तक नमी । 


खुरदुरे हाथों से माली 

फूलों की जड़ों को बेफिक्री से 

सींचता है, कमाता है । 


कुम्हार जो गूँथता है मिट्टी

बनाने के लिए घड़ा, दीया, खिलौने 

उसके हाथ भी होते हैं खुरदुरे । 


जो बनाता है सड़कें

निकालता है कोयला 

चलाता है मशीनें

सबके हाथ होते हैं खुरदुरे । 


नरम नरम रेशमी कपड़ों के बुनकरों के हाथ 

कभी नरम और मुयलयम नहीं होते 

होते हैं खुरदुरे ही । 


घर और बाहर के 

दुगुने बोझ से लदी कामगार स्त्रियॉं के हाथ 

होते हैं कुछ अधिक ही खुरदुरे । 


खुरदुरे हाथों वाले लोग 

भरे होते हैं प्रेम से , जिजीविषा से 

जब कभी अनायास ही 

खुरदुरे हाथों को कोई छूता है प्रेम से 

मोम से पिघल जाते हैं हाथ 

रेशमी एहसास से भर जाता है हाथों का खुरदरापन ।