जिस दिन
मैं मर जाऊंगा
घर के सामने वाला पेड़
कट जाएगा
उजड़ जाएंगे
कई जोड़े घोसले
उनपर नहीं चहचहाएंगी
गौरैया मैना
गिलहरियां भी
सुबह से शाम तक
अटखेलियां नहीं करेंगी
कोई नहीं रखेगा इन चिड़ियों के दाना और पानी
अपनी व्यस्तता से निकाल कर दो पल
पहली मंजिल की बैठकखाने की खिड़कियाँ
जहाँ अभी पहुँचती है पेड़ की शाखा
वहां सुबह से शाम तक रहा करेगा
उज्जड रौशनी
ऐसा कहते हैं घरवाले
मेरी पीठ के पीछे
इसी शाखा की वजह से
बैठकखाने में नहीं लग पा रहा है
वातानुकूलन यन्त्र
मेरी गोद में उछल कर कहता है
मेरी सबसे छोटी पोती।
जैसे मेरे मरने के बाद नीचे नहीं आया करेगा
पीला कुत्ता
जिसे मैंने चुपके से गिरा दिया करता हूँ
अपने हिस्से की रोटी से एक कौर
मर जाएगा मेरे और कुत्ते के बीच एक अनाम सम्बन्ध
झूठ कहते हैं कि कोई मरता है अकेला
जबकि जब भी कोई मरता है
उसके साथ मरती हैं कई और छोटी छोटी चीज़ें
मरने का इन्तजार
पूरे जीवन के वर्षों से कहीं अधिक दीर्घ होता है !
वाह
जवाब देंहटाएंवाह बेहतरीन !!!!
जवाब देंहटाएंभावों को सटीक प्रभावशाली अभिव्यक्ति दे पाने की आपकी दक्षता मंत्रमुग्ध कर लेती है...
बहुत सुंदर भावपूर्ण..
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (26-09-2018) को "नीर पावन बनाओ करो आचमन" (चर्चा अंक-3106) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
राधा तिवारी
गज़ब ... बहुत तीखी धार आपकी कलम की ... हमेशा की तरह कितना कुछ कह जाते हैं ये शब्द ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ! जब मैं दुनिया से जाऊंगा तो मेरे साथ बहुत कुछ चला जाएगा पर फ़िक्र क्या? मेरी जगह मुझ से अच्छा, और मुझ से जुड़े से अच्छा बहुत कुछ आएगा.
जवाब देंहटाएंवाह
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना
First time I am visiting this blog. I found so many things in this blog, especially its discussion. From the tones of the comments on your articles, I guess I'm not the only one having all the leisure here! Keep up the excellent work.
जवाब देंहटाएंhttps://www.apollohealth4u.com/
71/100 totally fake
जवाब देंहटाएं