शुक्रवार, 8 अप्रैल 2022

संभव

 सड़क होने का अर्थ 

मंजिल का होना नहीं होता है 

पानी होने से बुझ जाए प्यास 

कब होता है ऐसा। 


बादल घूमडेंगे तो बरसेंगे भी 

हर बार ऐसा नहीं होता है 

रोपे गए हर बीज से प्रस्फुटित हो पौध ही 

ऐसा भी कब हुआ है । 


आपके पास शब्द हैं 

और आप लिख सकें कविता  

हो जाए क्रांति 

कर सकें प्रतिरोध 

कहां होता है संभव ऐसा भी। 


आप प्रेम करें और 

मिले बदले में प्रेम 

आप समर्पित रहें और 

मिले आपको भी समर्पण 

यह भी कहां हुआ है संभव ! 






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