युद्ध अभी खत्म नहीं हुये
युद्ध अभी खत्म भी नहीं होंगे
फिर कब तक कोई रोये
इस युद्ध के लिए ।
युद्ध में अब नहीं है वह भेद
कि इसने किया है पहला प्रहार
युद्ध में अब नहीं है वह संयम
कि बैठ कर सुलझा लें मसले
अब वे पक्ष भी नहीं हैं जो कह दें कि
दोनों पक्ष को बैठा कर करा दें सुलह
फिर कब तक कोई रोये
इस युद्ध के लिए ।
लिखते रहिये | लिखना बहुत जरुरी है |
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