मंगलवार, 20 मई 2025

मृत्यु और प्रेम

मन के अंधेरे में 

मृत्यु की आहट

जैसे खोल कर किवाड़ 

आती हो तुम । 


2.

मन की उदासी में 

मृत्यु की कल्पना 

जैसे कोई खींच कर ला रहा हो मुझे 

तुमसे दूर, बहुत दूर 


3.

मन में मुक्ति की आकांक्षा लिए 

मृत्यु का वरण

जैसे तुम्हारा सानिध्य

तुम्हारा संग । 

2 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 21 मई 2025को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
    अथ स्वागतम शुभ स्वागतम।

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