1
मन के अंधेरे में
मृत्यु की आहट
जैसे खोल कर किवाड़
आती हो तुम ।
2.
मन की उदासी में
मृत्यु की कल्पना
जैसे कोई खींच कर ला रहा हो मुझे
तुमसे दूर, बहुत दूर
3.
मन में मुक्ति की आकांक्षा लिए
मृत्यु का वरण
जैसे तुम्हारा सानिध्य
तुम्हारा संग ।
बहुत सुंदर
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 21 मई 2025को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद! अथ स्वागतम शुभ स्वागतम।
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 21 मई 2025को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंअथ स्वागतम शुभ स्वागतम।