हुजूर
पीढ़ियों से
सड़े हुए हैं
हमारे दांत
हमारे बाबा के
बाबा थे
'बलेल'
बुरबक कहे जाते थे
वे
सो
वे बलेल थे
ए़क सांस में
घंटो तक शहनाई
बजा लेते थे
लेकिन
कहते हैं
उनके भी दांत
सड़े हुए थे
सडा हुआ दांत
हुजूर
ख़राब कर देता
चेहरा
और
ठंढा गरम
की कौन पूछे
रोटी भात तक
खा नहीं सकते
पीढ़ियों तक
होता रहा
ऐसा ही
हमारे साथ
मेरे बाबा
थे मिश्री
नाम तो
मिश्री था
लेकिन
हुजूर
नसीब नहीं हुई थी
उन्हें
चीनी तक
और
बिना मीठा खाए
सड गए थे
उनके दांत
कहते हैं
वो समय ही ऐसा था
जो
हमारी पीढ़ी में
किसी को
नहीं आयी थी
अकल दाढ़
आप ही
बताइए
हुजूर
बिना अक्ल दाढ़ के
कैसे आएगी
अक्ल
सो नहीं आयी
हमारी किसी पीढ़ी को
अकल
और
ना ही बंद हुआ
हमारी दांतों का
सड़ना
हवेली वाले
कहते थे
हमारे देह से
आती है
बदबू
लेकिन
हुजूर देखते रहे
पीढ़ियों तक
हम
अपने पसीनों से
जगमगाती
हवेलिया
खेत खलिहान
और
फिर भी
सड़े हुए थे
हमारे दांत
दांत को
बस दांत मत
समझिएगा हुजूर
क्योंकि
सड़े हुए
दांत के बहाने
विकृत किया जा चुका था
हमारी सोच
हमारी अस्मिता
हमारा स्व
हुजूर
आप ही बताओ
कब तक
रहेंगे हम
सड़े हुए
दांतों के साथ
अब
जब हम
काट रहे हैं
आपको दांत
हुजूर
तो क्यों
शोर मचा हुआ है
चारो ओर
दांत को
जवाब देंहटाएंबस दांत मत
समझिएगा हुजूर
क्योंकि
सड़े हुए
दांत के बहाने
विकृत किया जा चुका था
हमारी सोच
हमारी अस्मिता
हमारा स्व
bahut hi badhiyaa
samajik sarokaron ko swar deti rachna.
जवाब देंहटाएंbahut hi sateek vyang ...abhaar
जवाब देंहटाएंDANTO KI SADAN KE BAHANE BAHU KHOOB LIKH DALA
जवाब देंहटाएंDHANYAWAAD ARUN JI.........
......काबिलेतारीफ .
जवाब देंहटाएंहुजूर देखते रहे
जवाब देंहटाएंपीढ़ियों तक
हम
अपने पसीनों से
जगमगाती
हवेलिया
दाँत के बहाने खूबसूरती से आपने तो असली बात कह दी
सुन्दर
waah!
जवाब देंहटाएंkhoob kahi aapne daant ki baat!
kunwar ji,
दांत को
जवाब देंहटाएंबस दांत मत
समझिएगा हुजूर
क्योंकि
सड़े हुए
दांत के बहाने
विकृत किया जा चुका था
हमारी सोच
हमारी अस्मिता
हमारा स्व
its a intelligent creation with great start and even greater ending... extremely talented you are and wonderful creation...
bahut badhiya hai par hame thoda vistaar se iske baare me bataye .ye konsa varg hai .
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