मुस्कुराते हैं
अखबारों के पन्नों के बीच
फंसे, गुंथे , लिपटे
पम्फलेट
ख़बरों पर
और उनकी घटती
विश्वसनीयता पर
ख़बरों के कानो में
जाके जोर से चिल्लाते हैं
पूरी रंगीनियत के साथ
कि
ख़बरों से पहले
पढ़े जाने लगे हैं वो...
पम्फलेट
ख़बरों और
अखबारों के लिए
ए़क बड़ी खबर हैं
ये महत्वहीन
पम्फलेट
touching
जवाब देंहटाएंज़िन्दगी का असल रंग है इस कविता में।
जवाब देंहटाएंआज की दुनिया का कटु शाश्वत वास्तविक सत्य ..
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