1.
जब दुनियां
बंद थी घरों में
पूछना खुद से चाहिए
आसमान का रंग
क्यों हो रहा था नीला अधिक।
2.
जब मशीनों
और मोटरों की आवाज़
ख़ामोश थी
पूछना खुद से चाहिए
क्यों चहचहा रही थी चिड़िया अधिक।
3.
जब मौत के
आंकड़े गिन रहे थे तुम
बार बार
पूछना खुद से चाहिए
कौन थे वे लोग जो कर रहे थे
ड्यूटी काम के तय घंटों से अधिक।
जब दुनियां
बंद थी घरों में
पूछना खुद से चाहिए
आसमान का रंग
क्यों हो रहा था नीला अधिक।
2.
जब मशीनों
और मोटरों की आवाज़
ख़ामोश थी
पूछना खुद से चाहिए
क्यों चहचहा रही थी चिड़िया अधिक।
3.
जब मौत के
आंकड़े गिन रहे थे तुम
बार बार
पूछना खुद से चाहिए
कौन थे वे लोग जो कर रहे थे
ड्यूटी काम के तय घंटों से अधिक।
सार्थक
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सर। आप पढ़ लेते हैं तो पोस्ट सार्थक हो जाती है।
जवाब देंहटाएंसार्थक प्रश्न ... पर स्वार्थी इंसान अब समझेगा ... स्ययद ... स्ययद नहीं भी ...
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना है ...
धन्यवाद सर
हटाएंसुन्दर।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सर
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