शनिवार, 2 जनवरी 2021

मेरी रनिंग डायरी

 नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें . 

यह साल सबके लिए बेहतर स्वास्थ्य लाये . सब स्वस्थ रहें . खुश रहें . पिछले साल कोरोना ने बता दिया कि सेहत बड़ी नेमत कुछ और नहीं है . स्वास्थ्य सबसे मूल्यवान संपत्ति है . ऐसा इसलिए भी हुआ कि जब लाखों मजदूर शहर से गाँव की तरफ पलायन कर रहे थे तब कोरोना का संक्रमण सबसे अधिक तेजी से फ़ैल रहा था और पूरा देश अपने घरों में दुबका पड़ा हुआ था . इसने यह भी साबित किया कि गरीब और मजदूर को हम जितना कमजोर और कुपोषित समझते हैं , वे वास्तव में उससे कहीं अधिक मज़बूत हैं . मजदूरों ने हजारों किलोमीटर पैदल चलने का जज्बा दिखा कर देश के उच्च वर्ग को शर्मिंदा कर दिया जो बिना सुविधाओं के रहना भूल चुके हैं . 

यह वह समय था जब अपने खराब सेहत को सुधारने के लिए रनिंग को अपनाए हुए साल भर भी नहीं हुआ था . लेकिन मैंने कोरोना के भर को एक तरफ रखते हुए पूरे लॉक डाउन के दौरान खाली सड़कों पर रनिंग की, पैदल चला और खुद को फिट रखने की कोशिश की . 

बीता हुआ साल यानी 2020 इस लिहाज से मेरे लिए एक बेहतर साल रहा क्योंकि इस साल भर में मैं लगभग 2100 किलोमीटर दौड़ा . 365 दिनों में से मेरी एक्टिविटी लगभग 250 दिनों की रही . इस पूरे साल में मैं 13 हाफ मैराथन और 1 फुल मैराथन रेस दौड़ा . 

फुल मैराथन की कहानी फिर कभी अलग से . लेकिन जिस तरह मजदूरों ने विषम परिस्थिति में हजारों किलोमीटर की यात्रा करके अपने गाँवों को लौटे, उसके सामने मेरी मैराथन दौड़ कुछ भी नहीं है . 

अपने रनिंग डायरी के पन्ने से कहानियां लेकर बीच बीच में आऊंगा , इसी ब्लॉग पर . 

आप भी दौडिए और खुद को फिट रखिये . क्योंकि स्वस्थ शरीर से बड़ी कोई संपत्ति नहीं . जब प्रलय आएगा तो केवल शरीर ही आपको बचाएगा . 

 आज नए साल में २०२१ किमी दौड़ने के संकल्प के साथ पहले दिन शीतलहर के बीच दौड़ा और चौदह किलोमीटर दौड़ा . आप भी मेरे साथ दौडिए ! 

चल दौड़ दौड़ तू दौड़ दौड़ 

गाँव शहर या को भी ठौर 

चल दौड़ दौड़ तू दौड़ दौड़ . 


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