प्रस्तुत है डीएच लारेंस की एक और छोटी कविता - रिलेटिविटी का अनुवाद । छोटी कविता में डीएच लारेंस अत्यंत गूढ बिम्ब पैदा करते हैं जिनका अनुवाद अत्यंत कठिन हो जाता है । एक सफल/असफल कोशिश देखिये ।
सापेक्षता
डी एच लारेंस
मुझे पसंद हैं सापेक्षता और क्वांटम
सिद्धांत
क्योंकि मैं उन्हें नहीं समझता
और मुझे ऐसा महसूस होता है कि
किसी हंस की भांति अंतरिक्ष घूम रहा
है यहाँ से वहां
वह बैठ नहीं सकता एक स्थान पर होकर स्थिर ताकि माप लिया जा
सके
उसका:
या फिर कोई आवेग से भरा परमाणु हो
जिसका मन बदल रहा है बार बार।
अनुवाद अरुण चंद्र रॉय
Relativity
D H Lawrence
I like relativity and quantum
theories
because I don’t understand them
and they make me feel as if space
shifted about like a swan that can’t settle,
refusing to sit still and be
measured;
and as if the atom were an
impulsive thing
always changing its mind.
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