बुधवार, 19 जुलाई 2023

ग़ज़ल 1


ये दुनिया गोल है प्यारे 

तेरा भी मोल है प्यारे 


बिकेगा सब यहां देखो 

तेरा भी तोल है प्यारे


भिंची हैं मुट्ठियां मेरी

अंगारा बोल है प्यारे 


बिठाए पहरे होठों पर 

खुली जो पोल है प्यारे 


मिलाता क्यों नहीं नजरें

कहीं कुछ झोल है प्यारे


रंगों में बंट गई धरती

ये क्या भूगोल है प्यारे


ये जो आंचल है माता का

बड़ा अनमोल है प्यारे

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