अमेरिकन कवि जॉन बी टैब की कविता "एन इंटरव्यू" का अनुवाद
ठिठुरती दिसंबर के साथ
सर्द शाम को मैं बैठा उसके पास,
और संकोच करते हुये पूछा
"और किसकी याद में खोये हुये हो तुम;
कितने ही मौसम बीत गए देखो ?"
दिसम्बर अचंभित होकर बोला,
"तुम्हें धोखा हो गया है मेरी उम्र के बारे में;
मैं अपने तीस दिनों की मियाद
कर चुका हूँ पूरी।"
(अँग्रेजी मूल से अनुवाद अरुण चन्द्र रॉय द्वारा)
सुन्दर
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार(१७-१२ -२०२१) को
'शब्द सारे मौन होते'(चर्चा अंक-४२८१) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंसुंदर, सराहनीय रचना ।
जवाब देंहटाएंसुंदर...
जवाब देंहटाएंखूबसूरत....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएं