मंगलवार, 21 दिसंबर 2021

दिसंबर की धूप


तुम्हारे खयालों सी है

दिसंबर की धूप

नसों में समा जाती है

अलसा देती है

और छूने से पहले ही

लौट जाती है। 


दिन के छोटे होने का एहसास 

कराती है दिसंबर की धूप। 

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