सोमवार, 6 जनवरी 2025

सर्दी की एक सुबह

 भिन्न नहीं होती सर्दी की सुबह 

सड़क की सफाई करने वालों के लिए 

नहीं होती अलग 

कूड़ा उठाने वालों के लिए 

अखबार वाले लड़के 

उठ जाते हैं अल्लसुबह 

इन्हें नहीं पता होता 

कितना है आज का न्यूनतम तापमान 


सर्दी की सुबह अलग नहीं होती 

स्त्रियॉं के लिए भी

वे घड़ी से चलती हैं 

मौसम के तापमान से निस्पृह

पैरों में उनके बंधी होती है घिरनी 

और वे नाचती रहती हैं 

मौसम के मिजाज से परे  ! 


सर्दियों का आनंद 

लिहाफ की गरमाइश 

गुनगुनी धूप में बैठने का रोमांच 

कामगारों के हिस्से नहीं आता

स्त्रियॉं के हिस्से नहीं आता ! 

4 टिप्‍पणियां:

  1. गुनगुनी धूप में बैठने का रोमांच
    कामगारों के हिस्से नहीं आता
    सुंदर
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. मौसम कोई सा भी हो हर दिन हर किसी के लिए दूसरे से भिन्न होती है और किसी किसी के लिए तो बहुत भिन्न।
    मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति सर।
    सादर।
    ------
    जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना मंगलवार ७ जनवरी २०२५ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं