मंगलवार, 18 मार्च 2025

एकाकीपन



जब कोई सुबह

जगाए नहीं तुम्हें 

मेरी तरह

जब कोई रात में

प्रतीक्षा न करे 

आने की 

तेरी तरह

जब कोई गलतियों पर 

न हो नाराज 

तेरी तरह

जब कोई टोके नहीं

घर से बाहर निकलते हुए 

मेरी तरह

यह आजादी नहीं

एकाकीपन है ! 

बचा लो मुझे

इस एकाकीपन से 

बचा लूंगा तुम्हें भी 

इस एकाकीपन से ! 


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