1.
पेड़ों के लगातार कम होने से
कम हो रही है कोयल की कूक
और आपके भीतर यदि नहीं उठ रही कोई हूक
तो आप नहीं जानते
क्या है चैत का मास !
2.
लगातार बहते पछिया हवा से
समय से पहले जल्दी पकने लगे हैं गेंहू
उनके दाने हो रहे हैं छोटे
और छोटे दाने के बारे में सोचकर
यदि नहीं छोटा हो रहा आपका मन
तो आप नहीं जानते
क्या है चैत का मास !
3.
होली में नैहर आई बेटी को
लिवाने नहीं आया दुल्हा
बेटी की प्रतीक्षा और आतुरता से
यदि नहीं नहीं आतुर हो रहा आपका हृदय
तो आप नहीं जानते
क्या है चैत का मास !
वाह
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ,गहन भाव उकेरती अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंसादर।
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जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना शुक्रवार २८ मार्च २०२५ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
हृदयस्पर्शी गहन भाल लिए सुन्दर रचना ।
जवाब देंहटाएंसुंदर अभिव्यक्ति !!
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