शनिवार, 17 जुलाई 2010

तुलसी




आज उदास है
तुलसी
क्योंकि
आँगन में
नहीं थी जगह
उसके लिए

दिलों के बीच की दीवार
खड़ी हो रही थी
आँगन में
और
जिसके हिस्से में
पड़ी थी
तुलसी
वहां
लगाया जाना था
केक्टस
करोटन
और कई और
रंग बिरंगे पौधे

तुलसी
बाबूजी के
जाने के साथ ही
हो गई थी
ए़क चीज
क्योंकि
किसी और को
नहीं पसंद था
उसका काढ़ा
या
उसकी पत्तियों वाली
चाय

तुलसी
हो रही है विस्थापित
माँ के साथ ही

तुलसी
उदास है
क्योंकि
उदास है
माँ .

14 टिप्‍पणियां:

  1. फिर भी तुलसी तो तुलसी है। इसके जैसी नहीं और कोई सी है।

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  2. तुलसी
    उदास है
    क्योंकि
    उदास है
    माँ

    -बहुत भावनात्मक रचना!

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  3. पारंपरिक उपमानों का बहतरीन इस्तेमाल कर अरुण रॉय एक नया कविता संसार रच रहे हैं ,जो बहुत अपना सा लगता है .बधाई

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  4. sahi kaha aaj ghar ka angan hi sukad gya hai to tulsi ke liye jagah kaha bach saki.
    dil ke kreeb lagi ye rachna

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  5. तुलसी
    हो रही है विस्थापित
    माँ के साथ ही


    मार्मिक और कटु सत्य को कहती पंक्तियाँ

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  6. तुलसी
    हो रही है विस्थापित
    माँ के साथ ही
    और अब तो तुलसी ही नहीं आँगन और कही कही तो माँ ही विस्थापित हो रही है
    भावनात्मक रचना
    बहुत सुन्दर

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  7. आँगन का कांसेप्ट ही ख़त्म हो चला, तुलसी, नन्हीं चिड़िया .... तुलसी गमले में , चिड़िया खिड़की पर शीशे से बाहर...
    उदासी नज़र आई, यही तुलसी का प्राप्य है , ... पहले पिलर थे, छुप्पाछुप्पी के लिए यानि मासूमियत के लिए अब तो अम्बुजा सीमेंट की दीवारें हैं, दीवार के उस पार हर रिश्ते हैं और कमरे में अपने अनुमान , अपनी लकीरें, अपना इगो !

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  8. तुलसी ने कितने आंगनों की कहानी देखी है प्रत्यक्ष।

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  9. घर आंगन जब से फ़्ले्ट और बालकनी हो गए
    तब से तुलसी के बिरवे भी देखो रुखसत हो गए।

    जब से तुलसी गयी है
    स्नेह खतम हुआ आपस में
    लक्ष्मी भी रुठ गयी हैं
    प्रेम खतम हुआ आपस में।

    बहुत अच्छी बात कही आपने
    आभार

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  10. तुलसी
    उदास है
    क्योंकि
    उदास है
    माँ
    हृदयस्पर्शी पंक्तियाँ, सच तो यही है .यही है आज के जीवन का यथार्थ

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  11. मां और तुलसी को एक दूसरे का पर्याय जिस तरह आपने बनाया है और इतनी गहरी बात कही है उसके लिये तो शब्द कम पड रहे हैं।
    कल (19/7/2010) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट देखियेगा।
    http://charchamanch.blogspot.com

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  12. तुलसी
    बाबूजी के
    जाने के साथ ही
    हो गई थी
    ए़क चीज
    क्योंकि
    किसी और को
    नहीं पसंद था
    उसका काढ़ा
    या
    उसकी पत्तियों वाली
    चाय

    -बहुत भावनात्मक रचना!

    जवाब देंहटाएं
  13. ek tulsi ke birve ke jariye kai upamano ko racha hai aapne,sahi hai tulsi ke sath kai upman rukhasat ho rahe hai sundar abhivyakti...

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