कभी देखा है
धूप को टिकते हुए..
पत्तों का रंग
कितना सुखद हरा
होता है ।
ये हरीतिमा
धूप को टिकते हुए..
पत्तों का रंग
कितना सुखद हरा
होता है ।
ये हरीतिमा
प्रतीक है
जीवन की
सुख और
शांति की
वैभव और
समृद्धि की ।
समृद्धि की ।
हरियाली लाती है
सन्देश
भरपूर है चराचर
और अपनी सृष्टि
साँसे ले रही
तरुणाई
हो रही
पतझड़ की भरपाई ।
इसी हरे रंग में
इसी हरे रंग में
समाई है
जीवन की उर्जा
ऊष्मा और
जीवन की उर्जा
ऊष्मा और
इसमें ही
रमी
रिश्तों की नमी ।
कभी देखना
मेरा चेहरा भी
तुम्हारी आभा से
कैसे खिल जाता है
और हो जाता है
सुखद हरे रंग जैसा ।
कभी देखना
मेरा चेहरा भी
तुम्हारी आभा से
कैसे खिल जाता है
और हो जाता है
सुखद हरे रंग जैसा ।
वही हरा रंग
जो ओढती हो तुम
पहनती हो
वही हरा रंग
जो जीवंत है
जो ओढती हो तुम
पहनती हो
वही हरा रंग
जो जीवंत है
तुममें ।
सुन्दर भावाव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंsundar hari-bhari rachna!
जवाब देंहटाएंbhut khub hre rng ki mhimaa jo aapne byaan ki he voh to gaandhi ji or raashtriy dhvj men hraa rng bhrne vaali kmeti ko bhi ptaa nhin hoga shayd isiliyen muslim dhrm men profet mohmmd ko hra rng bhut bhut psnd hona btaya gya he . akhtar khan akela kota rajsthan
जवाब देंहटाएंअच्छा है हरा रंग
जवाब देंहटाएंbadhiyaa jee
जवाब देंहटाएंअच्छी कविता ...अंतिम पंक्तियाँ तो बहुत ही अच्छी लगीं.
जवाब देंहटाएंकृष्ण जन्माष्टमी के मंगलमय पावन पर्व अवसर पर ढेरों बधाई और शुभकामनाये ...
हरा रंग प्रकृति की जान है।
जवाब देंहटाएंजन्माष्टमी के पावन अवसर पर आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!
बहुत सुन्दर!
जवाब देंहटाएंश्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाये
बहुत अच्छी कविता।
जवाब देंहटाएंहिन्दी भारत की आत्मा ही नहीं, धड़कन भी है। यह भारत के व्यापक भू-भाग में फैली शिष्ट और साहित्यिक भषा है।
वाह ! क्या बात है ...बहुत खुबसूरत रचना .
जवाब देंहटाएंआपको सपरिवार श्री कृष्णा जन्माष्टमी की शुभकामना ..!!
बड़ा नटखट है रे .........रानीविशाल
जय श्री कृष्णा
पढ़कर मन भी हरा भरा हो गया।
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