इतिहास
केवल दिग्भ्रमित
है करता
और
भविष्य
है भरमाता
तभी
मैं
केवल वर्तमान में
जीता हूँ
हर पल
हर क्षण
तुम्हारे आँचल में सजे
सितारों के संग
और चूड़ियों में गुंथे
जुगनूओं से
कल ली है
मित्रता
तुम से सुन्दर
क्या हो सकता है
वर्तमान !
Vartmaaan me jeeta hua aapko dekhna achchha laga.......:)
जवाब देंहटाएंek pathniya rachna....
hamare blog pe aayen.......:P
wakai..isse aachchha kya hoga :)
जवाब देंहटाएंबहुत सही!!
जवाब देंहटाएंतुम से सुन्दर
क्या हो सकता है
वर्तमान
-सुन्दर कोमल अभिव्यक्ति!
आंचल, सितारे, चूड़ियों, जुगनुओं का मज़ा तुम लेते रहे तो नौकरी कौन करेगा !!!!!!!!.अब ये दिन भी देखने पड़ेंगे
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर ,,वर्तमान हर रूप में सुन्दर ही होता है !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर जज्बातों को हृदय से उड़ेलती हुयी अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंअच्छा लगा आपके ब्लाग पर आकर
आभार अरुण जी
तुम्हारे आँचल में सजे
जवाब देंहटाएंसितारों के संग
और चूड़ियों में गुंथे
जुगनूओं से
कल ली है
मित्रता
सुन्दर कोमल अभिव्यक्ति!
vartman sunder hi hota hai arun ji
जवाब देंहटाएंsunder abhivyakti
जवाब देंहटाएं'Vartman' aur 'tum'ko samanantar khara karne ki prasangikta kya hai jabki 'Tum'hi ho'Vartaman'.Aisa pratit hota hai mano kisi lambi kavita ki arambhik char panktiya ho.Aasha hai alochana ko chunauti ke rup me lenge.
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