शुक्रवार, 11 जून 2010

तुमने छुआ

तुमने छुआ
पाषण में हुआ
ए़क विस्फोट
और
ए़क नदी
बह निकली

बसती गई
नयी सभ्यताए
रचे गए
नए इतिहास
पनपी
नयी संस्कृतियाँ
और
स्थापित हुए
नए ईश्वर

तुमने छुआ
और हुआ
ए़क सृजन

7 टिप्‍पणियां:

  1. चंद शब्दों में गहरी बात कहना कोई आपसे सीखे...बहुत अच्छी रचना...

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  2. खूबसूरत .... पाषाण में हुआ विस्फोट....गज़ब का प्रयोग ..

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  3. शब्दों में गहराई .... मितभाषी रचना

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  4. तुमने छुआ
    पाषण में हुआ
    ए़क विस्फोट
    और
    ए़क नदी
    बह निकली
    इस सृजनात्मक छुवन को सलाम

    बहुत सुन्दर

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